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ऐ नबी के मानने वालों!

2015 में फ़्रैंच की उपहासपूर्ण मैग्ज़ीन चार्ली हेब्डो में, एक भद्दा कार्टून छापा गया, बेहूदा तस्वीर, एक घिनौनी मुस्कान, और हौलनाक मंज़र रचाया गया। जिसे मेरे नबी मोहम्मद स. का किरदार बताया गया।

दुनिया भर के मुसलमानों को उकसाया गया, उन्होंने इस पर ऐतराज़ जताया – कुछ ने तो चार्ली हेब्डो के ऑफिस को जलाया, कितने ही मासूमों ने अपना सब कुछ गंवाया।

एक बार फिर हमने अपने नबी स. का मज़ाक उड़ाया।

वह कार्टून चार्ली हेब्डो से हम मुसलमानों ने ही बनवाया।

Click here to sign the petition http://chng.it/LWdVprfk

हां, हां! हमने ही बनवाया।

हमारे नबी स. की ऐसी घिनौनी तस्वीर का ख़ाका उसके ज़हन में हमने ही रचाया।

झूटा प्रोपगंडा जो इस्लाम को नीचा दिखाने के लिए दुश्मनों ने फैलाया, उसे कुछ नाम के मुसलमानों ने अपने आमाल से क़ाबिले तसलीम बताया,

ग़ैर मुस्लिमों तक एक ग़लत पैग़ाम पहुंचाया, मेरे नबी स. के किरदार और उनकी तालीमात का मज़ाक उड़ाया।

उन्होंने लोगों के दिलों तक यह बेहूदा और भद्दा प्रचार करवाया, और उस पर दुनिया को हंसाया। चार्ली हेब्डो ने तो इन ग़लीज़, नागवार, बदरंग तस्वीरों को सिर्फ काग़ज़ पर रचाया।

मुझे ग़ैर मुस्लिमों से गिला नहीं, उन्होंने अपनी नासमझी में यह कार्टून बनाया।

शिकवा है मुझे उन नाम के मुसलानों से, जिन्होंने अपने बद-आमाल से सुबहो-शाम अपने नबी स. का ज़िंदा कार्टून बनाया।

मुसलमानों को समझना पड़ेगा कि दुनिया तुम्हें तुम्हारे आमाल से परखती है, तुम्हारे हर अमल को नबी स. की तालीम समझती है।

तो सुधार जाओ मुसलमानों, परखो  ख़ुद को ऐ ईमान का दावा करने वालों।

और नबी स. की इन बेहूदा तस्वीरों को अपने आमाल से मिटाओ, दुनिया को मेरे नबी स. की सच्ची तस्वीर दिखाओ।

नबी के मानने वालों!

तुम कैसे इतने रुसवा हो गए, क्यों तुमने नबी स. की तालीम को ठुकरा दिया, और उसके दीन को इतना गिरा दिया?

वो हस्ती जो दुनिया के लिए रहमत बन कर आई, तुम्हारे आमाल के सबब लोगों को ज़हमत नज़र आई।

नबी के मानने वालों! आख़िर क्यों, तुमने मेरे नबी . का कार्टून बनाया? दुनिया में उनका मज़ाक उड़ाया।

नबी के मानने वालों!

तुम कैसे इतने बदबख़्त, बदतमीज़, और शरीर हो गए।

नबी स. ने तुम्हें सच्चाई की तालीम दी, लेकिन तुम वो सब भुलाकर बिल्कुल झूठे और धोखेबाज़ हो गए।

तुमने उनकी शख़्सियत को बातिल के अंधेरों में गंवा दिया- वो तुम्हारे लिए हक़ की रोशनी छोड़कर गए।

नबी के मानने वालों! आख़िर क्यों, तुमने मेरे नबी . का कार्टून बनाया? दुनिया में उनका मज़ाक उड़ाया।

ऐ नबी के मानने वालों!

तुम कैसे बद-अख़लाकी़, बेहयाई और हराम कामों में मुब्तिला हो गए।

जबकि नबी स. तो तुम्हें पाकीज़गी, सादगी और आजिज़ी का पैग़ाम देकर गए।

तुमने उनके पाकीज़ा किरदार को धुंधला कर दिया- वो तुम पर रहमतों की बारिश कर गए।

नबी के मानने वालों! आख़िर क्यों, तुमने मेरे नबी . का कार्टून बनाया? दुनिया में उनका मज़ाक उड़ाया।

नबी के मानने वालों!

तुम कैसे इतने मतलबी और ख़ुदग़र्ज़ हो गए।

मेरे नबी स. तुम्हारे बीच जो पैग़ाम छोड़कर गए, उसे तुम अलमारियों में रखकर सो गए- फिर कैसे तुम जन्नती और वो क़ाफिर हो गए।

तुमने मेरे नबी स. को नफ़रत का लिबास उड़ा दिया- वो तो दुनिया को सिर्फ प्यार सिखा कर गए।

नबी के मानने वालों! आख़िर क्यों, तुमने मेरे नबी . का कार्टून बनाया? दुनिया में उनका मज़ाक उड़ाया?

नबी के मानने वालों!

तुम कैसे इतने बेदर्द और ज़ालिम हो गए।

दीन के नाम पर क़त्ले आम करने वालों, तुम कबसे इतने फ़सादी हो गए।

नबी स. ने कहा था बुराई का जवाब अच्छाई से देना, वो मैदाने जंग में भी रहमत का नज़ारा दिखा कर गए।

तुमने मेरे नबी स. को आतंकवादी बना दिया- वो तो दुनिया में अमन का झंडा लहराकर गए।

नबी के मानने वालों! आख़िर क्यों, तुमने मेरे नबी . का कार्टून बनाया? दुनिया में उनका मज़ाक उड़ाया?

नबी के मानने वालों!

तुम कैसे इतने जाहिल, बेका़बू और सरफ़िरे हो गए।

औरतों पे ज़ुल्म-ओ-सितम और दहेज़ प्रथा जैसे बद-आमाल कैसे इतने आम हो गए।

क्या तुम औरतों के हुक़ूक़ और एहतराम को भूल गए।

वो उस ज़माने में भी औरतों को उनका सही मक़ाम दिला कर गए।

तुमने मेरे नबी स. को औरतों का दुश्मन बना दिया- वो तो औरतों के हक़ में आवाज़ उठाकर गए।

नबी के मानने वालों! आख़िर क्यों, तुमने मेरे नबी . का कार्टून बनाया? दुनिया में उनका मज़ाक उड़ाया।

नबी के मानने वालों!

 तुम कैसे इतने अय्याश और निकम्मे हो गए।

सूद, फ़िज़ूल ख़र्ची और रियाकारी तुम्हारे काम हो गए।

शादियों में झूठी शान के लिए तुम कर्ज़दार हो गए, नबी स. के सादग़ी पसंद मिज़ाज को भूल गए।

तुमने मेरे नबी को समाज पर बोझ बना दिया- वो तो समाज को बेहतरीन नमूना दिखा कर गए।

नबी के मानने वालों! आख़िर क्यों, तुमने मेरे नबी . का कार्टून बनाया? दुनिया में उनका मज़ाक उड़ाया।

नबी के मानने वालों!

तुम कैसे इतने बेरहम ओर हमदर्दी के मुखा़लिफ हो गए।

यतीमों और बेबसों के साथ ज़्यादती में मशहूर तुम्हारे नाम हो गए।

नबी स. ने सिखाया था ग़रीबों, मोहताजों की मदद करना, उनसे हमदर्दी का सुलूक करना।

अरे! तुम तो अपने नबी स. से ही दूर हो गए।

तुमने मेरे नबी स. को ज़ालिम बना दिया- वो तो दुश्मनों पर भी सलाम कर गए।

नबी के मानने वालों! आख़िर क्यों, तुमने मेरे नबी . का कार्टून बनाया? दुनिया में उनका मज़ाक उड़ाया।

नबी के मानने वालों!

तुम कैसे इतने बेदिल हो गए। इंसानियत और समाज की ज़रूरतों से आंखें मूंद कर, कैसे अपने घरों में सुक़ून से सो गए।

नबी स. ने सिखाया, इंसानियत के लिए घरों से निकलना, भलाई के काम में लोगों की मदद करना।  तुम इंसानियत के सारे फर्ज़ भूल कर बैठ गए।

तुमने मेरे नबी को इंसानियत का दुश्मन बना दिया- वो तो जानवरों से भी रहमत की सीख देकर गए।

नबी के मानने वालों! आख़िर क्यों, तुमने मेरे नबी . का कार्टून बनाया? दुनिया में उनका मज़ाक उड़ाया।

नबी के मानने वालों!

तुम कैसे इतने बेवक़ूफ और बद- अक़्ल हो गए। तालीमी इदारों को छोड़कर, जाहिलयत के खंडहरों में भटक गए।

नबी स. ने फ़रमाया था कि “इल्म हासिल करो, चाहे चीन जाना पड़े।”, तुम इल्म को ठुकरा कर उम्मते मुस्लिमा पर धब्बा बन गए।

तुमने मेरे नबी स. को अनपढ़ बनाया- वो तो दुनिया को इल्म का ख़ज़ाना दे गए।

नबी के मानने वालों! आख़िर क्यों, तुमने मेरे नबी . का कार्टून बनाया? दुनिया में उनका मज़ाक उड़ाया।

मैं मानती हूं कि कुछ मुसलमान ऐसे भी हैं जो इस्लाम की तालीम पर ठीक से अमल करते हैं, लेकिन मेरा सवाल उनसे भी है।

उन्होंने नबी स. की सही तस्वीर समाज को दिखाने के लिए कोई भी कोशिश की है?

आइए हम सब मिलकर उस इंसान की सही तस्वीर दुनिया को पेश करते हैं, जिसकी पैदाइश सारे जहाँ के लिए रहमत है।

जिसने सच का पैग़ाम दुनिया को पहुंचाने के लिए दुःख, दर्द ओर मुसीबतों का सामना पूरी बेबाकी से किया।

जिसने अपनी ज़िन्दगी को मिसाल बना दिया।

जिसने हमें सिर्फ प्यार, रहमत, और इंसाफ का पैग़ाम दिया।

अगर हमने अपने उम्मती होने का सही हक़ अदा किया, तो एक दिन ऐसा ज़रूर आएगा जब वो लोग जो आज हमारे नबी स. की बेहूदा तस्वीरें बना रहे हैं, उनका मज़ाक़ उड़ा रहे हैं, कल वही लोग उन्हें पूरे दिल से अपनाएंगे।

आइए मिलकर इस नेक काम को शुरू करें। आइए  12 रबी उल अव्वल के दिन #CompassionDay की तहरीक से जुड़ें, और लोगों को उस दिन कम से कम एक नेक काम करने के लिए प्रेरित करें, और उस नेकी को हमारे नबी . से मंसूब करें।

आप फ़ेसबुक पर अपनी नेक कामों की फोटोस पोस्ट कर के अपने दोस्तों को अपनी लोकेशन के साथ टैग कर सकते हैं।

आइए दुनिया के कोने कोने में हम अपने नबी स. की सही तस्वीर पेश करें और हमारे नबी स. की जो ग़लत तस्वीर, उन लोगों के ज़हनों में है- जो उनके किरदार से ज़रा भी वाक़िफ नहीं हैं, उसे साफ़ करें।

Vote for Prophet Muhammad ﷺ to demand 12 Rabi ul Awwal #CompassionDay – Click here to sign the Petition

Physiotherapist, Writer, Optimist, Believer. Striving to spread the truth to the World!

Comments

  • October 9, 2020
    Zeba Amin Siddiqui

    Jazak allah khairan bahut zabardast hai

    Reply
  • October 9, 2020
    ASIF JAVED

    I love prophet Muhammad rahemtullillah aalmin sallallahu alaihi wasallam.very very perfect human in the world.12 rabbi ul aawal is birthday Mohammad sallallahu alaihi wasallam.

    Reply
  • October 10, 2020
    Asadullah

    Subahaan Allaah, very glorious article for compassion day

    Reply
  • October 10, 2020
    Akbar ali

    Masallha

    Reply
  • October 10, 2020
    Arshi Iqbal

    Behtareen tariqe se baat samjhaya gaya hai, Allah Pak se dua hai ki Rasool e Pak (pbuh) ki ummat Sahi mayene me ummat hone ka Haqq adaa karen, Ameen ya rabbal alameen.

    Reply
  • October 10, 2020
    Azhar hussain.

    Ek bahtareen pehel allah jazai khair de her ummati ka apna kaam ki who apni salahiyat rehmat ke kaam mai surf kare aur is kaam ke kerney waloun ki madad kare.

    Reply
  • October 10, 2020
    Rashid masood

    I love Muhammad peace be upon him

    Reply
  • October 14, 2020

    Hme apne Aap ko iman pr aane ki koshihsh krne pdege duniya to apne Aap Ki Ho jygi akheret bhi. Muhammad sallahu ke triko se agr chlenge to

    Reply

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